मिलती है अहलेदिन को रहत - आलम आरा की बेटी lyrics | आलम आरा की बेटी - मिलती है अहलेदिन को रहत lyrics

मिलती है अहलेदिन को रहत is a hindi song from the १९६० movie आलम आरा की बेटी. मिलती है अहलेदिन को रहत singer is सुमन कल्याणपुर. मिलती है अहलेदिन को रहत composer is बिपिन दत्त and मिलती है अहलेदिन को रहत lyricist or song writer is अनवर फर्रूखाबादी. मिलती है अहलेदिन को रहत music director is बिपिन दत्त. मिलती है अहलेदिन को रहत features दलजीत. मिलती है अहलेदिन को रहत director is and the producer is . The audio of मिलती है अहलेदिन को रहत song was released on नुल्ल् by सारेगामा. मिलती है अहलेदिन को रहत YouTube video song can be watched above.



मिलती है अहलेदिन को रहत नमाज़ में
पोशीदा है खुदा की मोहब्बत नमाज़ में
मिलती है अहलेदिन को रहत नमाज़ में
पोशीदा है खुदा की मोहब्बत नमाज़ में

सुन कर अज़ान जो कोई मस्ज़िद में जायेगा
जन्नत में अपना घर वो यक़ीनन बनाएगा
अल्लाह का करम है नमाज़ी के वास्ते
सिर्दाष है नरम है नमाज़ के वास्ते
मजहब के हर असुल की सरताज है नमाज़
और आशिक़ों के वास्ते में मेहरज़ है नमाज़

मशहूर है यह एक नमाज़ी का वाकिया
सहीद की विदाई का ग़ाज़ी का वाकिया
रहे खुदा में लड़ने चला एक नोजवा
रुक्सत हुआ जो बेटा तो बोली यह उसकी माँ
रखा असुल पाक की फरमान का ख्याल
एक वक़्त की नमाज़ भी छूटे न मेरे लाल

जन्नत की है यह पूंजी बुजुर्गो की राय में
ग़ाज़ी नमक पढ़ते है देवो के साये में
समझा चुकी जब अपनी चहेते को प्यारी माँ
वादा किया नमाज़ का रुक्सत हुआ जावा
दुनिया जुदाई का ये समां देखती रही
बेटा चला जिहाद को माँ देखती रही
कुर्बान होने राज दुलारा चला गया
अफ़सोस बूढी माँ का सहारा चला गया
ममता तड़प के रह गयी अरमान सो गए
कल किस्सा इस तरह से कई साल हो गए
माँ की हर एक आरज़ू गम से बदल गयी
बेटे का खत न आया न कोई खबर मिली

लेकिन वो हर नमाज़ में करती थी यह दुआ
अल्लाह मुँह दिखाना मुझे मेरे लाल का
एक दिन का वाकिया है के जब पढ़ चुकी नमाज़
कहने लगी खुदा से के ए रबडेकर सज
रो रो के तेरे सामने कब तक दुआ करो
आये वो दिन के सुखार का सज्दा ऐडा करू

मशूल थी धड़कनो में वो बेजुड़ा
और उस तरफ दिखता है मंजर ये आसमा
एक जखम सा कलेजे पे तजा लिए हुए
कुछ लोग आ रहे है जनजा लिए हुए
रंजो आलम से उनका जिगर पास पास है
कंधे पे एक जवान मुजाहिद की लाश है
अफ़सोस बूढी माँ को इसी की तलाश थी
वो लाश उस गरीब के बेटे की लाश थी
रखा गया जनजा जब उसके मकान पर
बिजली सी एक चमकने लगी आसमान पर
अंडहर है ज़माने पे कोई असर नहीं
बेटे की लाश आयी है माँ को खबर नहीं

देखेगी लैश माँ तो क़यामत उठाएगी
मैय्यत जवान बेटे की देखि न जाएगी
क्या जुर्म है सितम है इधर मर गया जवा
और उस तरफ खुदा से दुआ मांगती है माँ
वाकिफ है तू गरीब अभागन के हल से
अल्लाह अब मिला दे तू मुझे अपने लाल से

आएगा मेरा लाल तो दूध बनाऊँगा
मै उसके सर पे फूलों का सेहरा सजाऊंगी
है एक ही तो आसरा वो मुझ गरीब का
घर का चिराग है तो उजाला नसीब का
जब मांग कर दुआ उठी वो सही बेनसीब
देखा तमाम लोगो ने ये वाकिया अजीब

ऐसा असर डीहकया दुआओ नमाज़ ने
मुर्दे में जान डाल दी उस बेनयाज़ ने
हैरत से देखने लगा हर छोटा और बड़ा
बीटा उठा और अम्मा के कदमों पे गिर पड़ा
क्या लुत्फ़ है नमाज़ पे यह मान जाइये
यानि खुदा की शान के क़ुर्बान जाइये
कुर्बान जाइये क़ुर्बान जाइये
कुर्बान जाइये क़ुर्बान जाइये.


Singers: सुमन कल्याणपुर
Song Lyricists: अनवर फर्रूखाबादी
Music Composer: बिपिन दत्त
Music Director: बिपिन दत्त
Music Label: सारेगामा
Starring: दलजीत
Release on: नुल्ल्
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Ans: मिलती है अहलेदिन को रहत song music director is बिपिन दत्त
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Ans: मिलती है अहलेदिन को रहत song singer is सुमन कल्याणपुर
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Ans: मिलती है अहलेदिन को रहत song composer is बिपिन दत्त
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Ans: मिलती है अहलेदिन को रहत song lyricist is अनवर फर्रूखाबादी
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Ans: मिलती है अहलेदिन को रहत song is written by अनवर फर्रूखाबादी

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