हो आज मजहब कोई - सेंसर lyrics | सेंसर - हो आज मजहब कोई lyrics

हो आज मजहब कोई is a hindi song from the २००१ movie सेंसर. हो आज मजहब कोई singer is कविता कृष्णामूर्ति. हो आज मजहब कोई composer is जतिन पंडित and हो आज मजहब कोई lyricist or song writer is गोपालदास सक्सेना (नीरज). हो आज मजहब कोई music director is जतिन पंडित. हो आज मजहब कोई features देव आनंद. हो आज मजहब कोई director is and the producer is . The audio of हो आज मजहब कोई song was released on १४थ फेब्रुअरी by सारेगामा. हो आज मजहब कोई YouTube video song can be watched above.



हो आज मजहब कोई एक ऐसा नया
आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
हो आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
जिसमे इंसान इंसान बांके रहे आ
जिसमे इंसान इंसान बनके रहे
और गुलशन को गुलशन बनाया जाए
आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
जिसमे इंसान इंसान बनके रहे
और गुलशन को गुलशन बनाया जाए
आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए

ा जिससे बढ़कर कोई किताब नहीं
अरे जिसका मिलता कोई जवाब नहीं
उम्र भर चढ़ कर जो नहीं उतरे
वह नशा है मगर शराब नहीं
उसे प्यार ज़माना कहता है
उसका दीवाना रहता है
यह ऐसा है रंगीन नशा
यह जितना चढे उतना ही मज़ा
यह जितना चढे उतना ही मज़ा
यह जितना चढे उतना ही मज़ा
होंठो पे गुलाब यही तोह है
आँखों में ख्वाब यही तोह है
गालों पे शबाब यही तोह है
घूँघट में हिजाब यही तोह है
होंठो पे गुलाब आँखों में ख्वाब
गालों पे शबाब घूँघट में हिजाब
यही तो है यही तो है
यही तो है यही तो है

इसको पाया मीरा ने
इसको ही गया कबीरा ने
ो हर रूह की आवाज़ है यह
सबसे सुन्दर सझ है यह
जिस से रोशन पडोसी का आँगन रहे
हो जिस से रोशन पडोसी का आँगन रहे
वह दिया हर घर में जलाया जाए
जिसमे इंसान इंसान बनके रहे
और गुलशन को गुलशन बनाया जाए
आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए

ा यह छव भी है और धुप भी है
रूप भी है और अनूप भी है
यह शबनम भी अंगार भी है
यह मेघ भी है मल्हार भी है
अरे इसमें दुनिया की जवानी है
यह आग के भीतर पानी है
यह रूह का एक सरोवर है
खतरे में एक समंदर है
खतरे में एक समंदर है
खतरे में एक समंदर है
इसमें दुनिया की जवानी है
यह आग के भीतर पानी है
यह रूह का एक सरोवर है
खतरे में एक समंदर है
शायर का हसीं तसवुर है
संगीत का एक स्वयम्वर है
शायर का हसीं तसवुर है
संगीत का एक स्वयम्वर है
यह सबको सब कुछ देता है
और बदले में बदले में बदले में
बस दिल लेता है दिल लेता है
बस दिल लेता है दिल लेता है
इसका जो करम आज हो जाए
इसका जो करम आज हो जाए
तो यह महफ़िल भी जन्नत सी हो जाए
तो यह महफ़िल भी जन्नत सी हो जाए
इसका जो करम आज हो जाए
इसका जो करम आज हो जाए
तो यह महफ़िल भी जन्नत सी हो जाए
जिसमे इंसान इंसान बनके रहे
जिसमे इंसान इंसान बनके रहे
और गुलशन को गुलशन बनाया जाए
आज मजहब कोई एक ऐसा नया
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए
दोस्तों इस जहाँ में चलाया जाए.


Movie/album: सेंसर
Singers: कविता कृष्णामूर्ति
Song Lyricists: गोपालदास सक्सेना (नीरज)
Music Composer: जतिन पंडित
Music Director: जतिन पंडित
Music Label: सारेगामा
Starring: देव आनंद
Release on: १४थ फेब्रुअरी
1. Who is the music director of the song हो आज मजहब कोई
Ans: हो आज मजहब कोई song music director is जतिन पंडित
2. Who is/are the singer/singers of the song हो आज मजहब कोई
Ans: हो आज मजहब कोई song singer is कविता कृष्णामूर्ति
3. Who is the Composer of the song हो आज मजहब कोई
Ans: हो आज मजहब कोई song composer is जतिन पंडित
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Ans: हो आज मजहब कोई song lyricist is गोपालदास सक्सेना (नीरज)
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Ans: हो आज मजहब कोई song is from सेंसर
6. Who wrote the song हो आज मजहब कोई
Ans: हो आज मजहब कोई song is written by गोपालदास सक्सेना (नीरज)

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