सुनो रमजान की दास्तान - आलम आरा lyrics | आलम आरा - सुनो रमजान की दास्तान lyrics

सुनो रमजान की दास्तान is a hindi song from the १९७३ movie आलम आरा. सुनो रमजान की दास्तान singer is मुहम्मद रफ़ी. सुनो रमजान की दास्तान composer is इकबाल कुरैशी and सुनो रमजान की दास्तान lyricist or song writer is हसरत जयपुरी. सुनो रमजान की दास्तान music director is इकबाल कुरैशी. सुनो रमजान की दास्तान features अजित. सुनो रमजान की दास्तान director is and the producer is . The audio of सुनो रमजान की दास्तान song was released on नुल्ल् by सारेगामा. सुनो रमजान की दास्तान YouTube video song can be watched above.



सुनो रमजान की
दस्ता तो सुनो
रहमतों का बय्या
है बय्या तो सुनो
रहमतों का बय्या
है बय्या तो सुनो
लड़का था एक सहर
में जो हुस्न बेमिसाल
कमसिन था जिसकी उम्र थी
समझो के सात साल
रमजान के जो चाँद
पे उसकी नजर पड़ी
उसके भी दिल में
रोज़े की एक आरज़ू जगी
रोज़ा रखूँगा मई
भी ये माँ बाप से कहा
सहरी करूँगा मै
भी जगा देना तुम जरा
सुनो रमजान की दास्तां तो सुनो
रहमतों का बाया
है बया तो सुनो
रहमतों का बाया
है बया तो सुनो

लड़के की बात सुनली
मगर कुछ नहीं कहा
लड़का सुबह उठा
तो हुआ उनसे वो खफा
समझाया माँ ने
बाप ने ए मेरे गुलसिता
रोज़ा नहीं है फ़र्ज़
अभी तुझपे मेरी जा
नन्हे से दिल को बात
का सदमा बड़ा हुआ
माँ से कहा क़ुरान
में कहता है ये खुदा
रोज़े के भूख प्यास
जो हस्ति उठायेगी
उस रोज़ेदार को न
ये तो जख जलायेगी
कुरान जिसमे ुत्र
सुनो वो महीना है
तौबा कबूल करता
खुदा वो महीना है
सुनो रमजान की दास्तां तो सुनो
रहमतों का बाया
है बया तो सुनो
रहमतों का बाया
है बया तो सुनो

आयी जो सर पे
रत तो वो जगता रहा
सहरी भी करली चुपके से
खुश होक सो गया
उठा सुबह तो माँ
से कहा सारा माजरा
माँ ने बड़े ही
प्यार से उसे ये कहा
रोज़ा न रख सकेगा
ये जिद्द छोड़ मँजा
दे दूंगी अपना रोज़ा
तुझे मेरे दिलरुबा
तोडूंगा मै न रोज़ा
कभी कुछ न खाऊंगा
आखिर खुदा को किस
तरह ये मुंह दिखाऊंगा
माँ के कहे के
भूख लगी होगी लादले
गर्मी है तुझको
प्यास लगी होगी लादले
कहने लगा कि चाहे
जमी पर हो आफताब
पानी का एक कतरा
पीना भी बड़ा अज़ाब
सुनो रमजान की
दस्ता तो सुनो
रहमतों का बाया
है बया तो सुनो
रहमतों का बाया
है बया तो सुनो

अलमुक्त सर जो
गयी आ गयी असर
वो प्यास जान ले
गयी पथरा गयी नजर
माँ ने कहा के
हाय मेरा लाल चल दिया
इफ्तारी जो बनाई थी
वो भी न खा सका
रोज़े का वक़्त हो
गया लेकिन कहा है वो
अब तो खुदा की राह
में आखिर रवा है वो
इतने में एक फ़क़ीर
ने आकर ये दी सदा
मै भी हु रोज़ेदार
के लेलो मेरी दुआ
जो कुछ भी पास हो
मुझे खाना खिलाइए
मातम ये कैसा है
जरा इतना बतलाइये
आँखों से आंसुओ का
जनाज़ा गुजर गया
माँ बाप दोनों बोले
के बच्चे ही मर गया
बोलै फ़क़ीर के मुझको
खुदरा बताओ तुम
लाशा कहा है बेटे
का मुझको दिखाओ तुम
साहिल में लाश देख के
प्याज़ा ने क्या पढ़ा
मुर्दे के दिल पे हाथ
रखा और दी सदा
मासूम रोज़ेदार के
अब रोज़ा खोल तू
कब तक यु चुप
रहेगा जरा मुँह से बोल तू
इतना ही सुणके बचे
ने फिर आँख खोल दी
माँ ममता की मारी
थी उससे लिपट गयी
साहिल नहीं था वो था
फ़रिश्ता खुदा का था
बच्चे को जिन्दा करके
जो रुपेश हो गया
आती है इंसान पे
इम्तिहा की घडी
अल्लाह पे जान दे दे
वो मरता नहीं कभी
मरता नहीं कभी
मरता नहीं कभी
मरता नहीं कभी.


Movie/album: आलम आरा
Singers: मुहम्मद रफ़ी
Song Lyricists: हसरत जयपुरी
Music Composer: इकबाल कुरैशी
Music Director: इकबाल कुरैशी
Music Label: सारेगामा
Starring: अजित
Release on: नुल्ल्
1. Who is the music director of the song सुनो रमजान की दास्तान
Ans: सुनो रमजान की दास्तान song music director is इकबाल कुरैशी
2. Who is/are the singer/singers of the song सुनो रमजान की दास्तान
Ans: सुनो रमजान की दास्तान song singer is मुहम्मद रफ़ी
3. Who is the Composer of the song सुनो रमजान की दास्तान
Ans: सुनो रमजान की दास्तान song composer is इकबाल कुरैशी
4. Who is the Lyricist of the song सुनो रमजान की दास्तान
Ans: सुनो रमजान की दास्तान song lyricist is हसरत जयपुरी
5. What is the movie of the song सुनो रमजान की दास्तान
Ans: सुनो रमजान की दास्तान song is from आलम आरा
6. Who wrote the song सुनो रमजान की दास्तान
Ans: सुनो रमजान की दास्तान song is written by हसरत जयपुरी

Find other songs in - आलम आरा

1
4
ज़माने की बातें

कृष्णा कल्ले

6
या हबीबी मरहब्बा

चन्द्राणी मुख़र्जी

7
रेहमत का तमाशा

सुमन कल्याणपुर

8
परवरदिगार

सुमन कल्याणपुर

9
सुनो फ़रियाद तुम मेरी

शम्भू क़व्वाल

10
हम दोनों कबूतर

मुहम्मद रफ़ी

11
भटके हुए राही

सुमन कल्याणपुर

12
प्यार की सरते

चन्द्राणी मुख़र्जी