एक था गुल और एक थी बुलबुल - जब जब फूल खिले lyrics | जब जब फूल खिले - एक था गुल और एक थी बुलबुल lyrics

एक था गुल और एक थी बुलबुल is a hindi song from the १९६५ movie जब जब फूल खिले. एक था गुल और एक थी बुलबुल singer is मुहम्मद रफ़ी. एक था गुल और एक थी बुलबुल composer is आनंदजी वीरजी शाह and एक था गुल और एक थी बुलबुल lyricist or song writer is आनंद बक्शी. एक था गुल और एक थी बुलबुल music director is आनंदजी वीरजी शाह. एक था गुल और एक थी बुलबुल features नंदा. एक था गुल और एक थी बुलबुल director is and the producer is . The audio of एक था गुल और एक थी बुलबुल song was released on २ण्ड दिसंबर by सारेगामा. एक था गुल और एक थी बुलबुल YouTube video song can be watched above.



एक था गुल और एक थी बुलबुल
एक था गुल और एक थी बुलबुल
दोनों चमन में रहते थे
है यह कहानी बिलकुल
सच्ची मेरे नाना कहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

बुलबुल कुछ ऐसे गाती थी
ऐसे गाती थी ऐसे गाती थी
कैसे गति थी
बुलबुल कुछ ऐसे गाती थी
जैसे तुम बातें करती हो
वह गुल ऐसे शरमाता था
ऐसे शरमाता था
ऐसे शरमाता था
कैसे शरमाता था
वह गुल ऐसे शरमाता था
जैसे मैं घबरा जाता हूँ
बुलबुल को मालूम नहीं था
गुल ऐसे क्यों शरमाता था
वह क्या जाने उसका नग्मा
गुल के दिल को धड़कते था
दिल के भेद न आते लब पे
यह दिल में ही रहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

लेकिन आखिर दिल की बाते
ऐसे कितने दिन छुपाती हैं
यह वह कलिया हैं जो एक दिन
बस कांटे बन के चुभती हैं
एक दिन जान लिया बुलबुल ने वह
गुल उस का दीवाना है
तुम को पसंद आया हो तोह
बोलू फिर आगे जो अफ़साना है
हम्म बोलो ना चुप क्यों हो गए
एक दूजे का हो जाने पर
वह दोनों मजबूर हुए
उन दोनों के प्यार के किस्से
गुलशन में मशहूर हुए
साथ जियेंगे साथ मरेंगे
वह दोनों यह कहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

फिर क्या हुवा
फिर एक दिन की बात सुनाओ
एक सायद चमन में आया
ले गया वह बुलबुल को पकड़
के और दीवाना गुल मुर्झाया
और दीवाना गुल मुर्झाया
शायर लोग बयां करते हैं
ऐसे उनकी जुदाई की बातें
गाते थे यह गीत वह दोनों
सैया बिना नहीं कटती रेट
सैया बिना नहीं कटती रेट है
मस्त बहारों का मौसम
था आँख से आंसू बहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

आती थी आवाज हमेशा
यह झिलमिल झिलमिल तारों से
जिसका नाम मोहब्बत है
वह कब रुकती हैं दीवारो से
एक दिन आह गुलो बुलबुल की
उस पिंजरे से जा टकराई
टुटा पिंजरा छूटे कैदी
देता रहा सैयद दुहाई
रोक सके न उसको मिलके
सारा ज़माना साडी खुदाई
गुल साजन को गीत सुनाने
बुलबुल बैग में वापस आयी
राजा बहुत अच्छी कहानी है
यद् सदा रखना यह कहानी
चाहे जीना चाहे मरना
तुम भी किसी से प्यार करो
तोह प्यार गुलाओ बुलबुल सा करना
प्यार गुलाओ बुलबुल सा करना
प्यार गुलाओ बुलबुल सा करना
प्यार गुलाओ बुलबुल सा करना.


Singers: मुहम्मद रफ़ी
Song Lyricists: आनंद बक्शी
Music Composer: आनंदजी वीरजी शाह
Music Director: आनंदजी वीरजी शाह
Music Label: सारेगामा
Starring: नंदा
Release on: २ण्ड दिसंबर
1. Who is the music director of the song एक था गुल और एक थी बुलबुल
Ans: एक था गुल और एक थी बुलबुल song music director is आनंदजी वीरजी शाह
2. Who is/are the singer/singers of the song एक था गुल और एक थी बुलबुल
Ans: एक था गुल और एक थी बुलबुल song singer is मुहम्मद रफ़ी
3. Who is the Composer of the song एक था गुल और एक थी बुलबुल
Ans: एक था गुल और एक थी बुलबुल song composer is आनंदजी वीरजी शाह
4. Who is the Lyricist of the song एक था गुल और एक थी बुलबुल
Ans: एक था गुल और एक थी बुलबुल song lyricist is आनंद बक्शी
5. What is the movie of the song एक था गुल और एक थी बुलबुल
Ans: एक था गुल और एक थी बुलबुल song is from जब जब फूल खिले
6. Who wrote the song एक था गुल और एक थी बुलबुल
Ans: एक था गुल और एक थी बुलबुल song is written by आनंद बक्शी