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Lyricsgram
वारिस lyrics
तारो की नगरी से
घर तेरा अपना घर
दूर होते नहीं वो
दुनिया को नहीं मंज़ूर तो
ग़जब किया तेरे वादे पे
कभी है ग़म
रही मतवाले
दिल की लगी को छुपाऊं कैसे
चाहे कोई मुझे भूत कहो
लेहरा के आया है
एक बेचारा प्यार का मारा
कौन है वह कौन मुझे
कभी कभी ऐसा भी होता है