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Lyricsgram
सुवर्ण सुन्दरी lyrics
सर पे मटकी अँखियाँ भटकी
जा रे नटखट पिया
मौसम सुहाना दिल है दीवाना
लक्ष्मीम क्षीर समुद्र राज
चंदा से प्यार अँखियों के तारे
मुझे न बुला छुप छुप
राम नाम जपना पराया माल अपना
गिरिजा सान्ग है शीश पे गैंग है
कुहू कुहू बोले कोयलिया