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Lyricsgram
सुहाग सिंदूर lyrics
एक है दिल और दो दीवाने
सखी साजन ने मुझको
मेरे लाडले बालम तोहे
मैं तोह चलि रे पिया
उस लड़की का है नाम कला
इन्साफ वाला जो भगवन होता तो
दिल्ली से रेल गाड़ी
कजरा न देखे
जो मैं छोटी सी होती बदरिया
बाघो में खिलते हैं फूल