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Lyricsgram
सिकंदर lyrics
ज़िन्दगी है प्यार से
फूलवरण में लोग चोर
सावन के दिन आये रे
उठ जाग जवानी आती है
खिलो खिलो मतवारी कलियों
जीते देश हमारा
मांज़रात
चाल अपनी
अल्लाह हूँ
आरज़ू (नात)
गुलों में (सेरेने वर्शन)
धुप के सिक्के