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Lyricsgram
शिकस्त lyrics
रात जाग के निकालूँ
ो घन साँवरे
नै ज़िन्दगी से प्यार
हम तो हैं खेल खिलोने
चमके बिजुरिअ
जब जब फूल खिले
सपनों की सुहानी दुनिया को
तूफ़ान में घिरी है
बदले रंग जहाँ के
कारे बदरा तू न जा