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Lyricsgram
सन्यासी lyrics
न ये चाँद होगा न
तुम्हे दिल से जाने
सांझ भई घर आया
पीपल की छाँव तले
एक बात कहूं राजा
दुनिया चढ़ाये फूल
टूटी हुई कश्ती का बाणे
ओ जाने वाले मतवाले
नेहा लगा के जो
नैनों में कृष्णा मुरारी है
सुनो जी प्यारी कोयलिया बोले
क्या मार सकेंगी मौत उसे
यह है गीता का ज्ञान
जैसे मेरा रूप रंगीला
चोरों का माल
शाम इ फुरक़त का ढल गया साया
बाली उमरिया
सुन बाल ब्रम्हचारी
चल संयासी मंदिर में