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Lyricsgram
संजोग lyrics
उड़ते हुए पंछी
पपीहरा काहे
पलट तेरा ध्यान किधर
कौन गली का छोरा
कोई चुटकी सी मेरे
जान बची सो लाखो
हो मेरी गली मोरे राजा
एक दिलवाला एक दिलवाली
ा मोरे साँवरे सैया
जिस रात जले न परवाने
भूली हुई यादो
वह भूली दास्तान
कहते हैं चाँद जिसको
बदली से निकला है चाँद
दो घूँट चाय पी
एक मंज़िल राही दो
चला है कहा
किसी गुल की यह किस्मत है
एक दो तीन चार
रूप यह तेरा जिसने बनाया
छम से तू आये
दिल क्या चाहे
आँख मिचौली
जू जू जू