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Lyricsgram
सागर संगम lyrics
पतित पावनी गंगा
नन्ना सा तन नन्नी सी जान
मन बैरागी तोहे ढूंढे श्याम
हमरी मानो तो
एक ममता गंगा की धरा है
अब तो यही सपने सजाऊँ मैं
ारी गांव की छोरी कसम तेरी