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Lyricsgram
सचाई lyrics
मोरे सइयां पकडे बाइयाँ
बीत चली हाय राम
मेरे गुनाह माफ़ कर
कब से धरी है सामने बोतल शराब की
ए दोस्त मेरे
सौ बरस की ज़िन्दगी