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Lyricsgram
राहगीर lyrics
तुम्हारे नैन देख के
कभी रुक गए है
जनम से बंजारा
बैरी अंचार पग पग
बैद के पल्ले पड़े
पंछी रे उडे
दो दो पंख लगा के
मिटवा रे भूल गए