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Lyricsgram
परछाइयां lyrics
दिल दिल से कह रहा है
ऐ दर्दे जिगर
लगा के हाथों में
नैना लगा के
अपनी कहो कुछ
चंदा की छाव में
डूब जाए जो किस्मत
मोहब्बत ही न
काट ते है दुःख
ज़रा अँखियाँ ल लाइए
ो गरम गरम कया
साँसों में कभी दिल
खुली खुली ज़ुल्फ़ें
मुश्किल है बचाना दिल का
जब से उसने शहर को छोड़ा
एक वडा है किसी का जो वफ़ा
बिखरती ज़ुल्फ़ की परछाइयां
वो कोई और न था
ठहर जाओ के हैरानी तो जाये
देखना भी तो उन्हें दूर से