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नज़राना lyrics

प्यासी ही रह गयी पिया
फागुन का मस्त महीन है
इक जवान था जहाँ में
मैंने अपनी शामा बुझाकर
देखा है तुमने जिधर
बिखरा के ज़ुल्फ़ें चमन में
एक वह भी दीवाली थी
मेरे पीछे एक दीवाना
मेले हैं चिराग़ों की दिवाली
बाज़ी किसीने प्यार की
मेरा नाम तू पूछेगा तो
रेखा यह रेखा
कह दे ज़माने से
जहां झननं जहाँ नैनाना
इससे पहले के याद तू आये