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नवशेरवां-इ-आदिल lyrics

मेरे दर्दे जिगर की हर धड़कन
खुसामद है दुनिया
रात ढली जान चली
हम आह भी भरते है
धीमी धीमी है
भूल जाये सारे ग़म
यह हसरत थी के इस दुनिया
तारो की ज़ुबां पर है