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Lyricsgram
नई रौशनी lyrics
जितनी लिखी थी मुक़द्दर में
तेरी आँख का जो इशारा न होता
यह तोहफा हमारे प्यार
तेरी आँख का जो इशारा न होता
सपने हैं सपने
पसीना पसीना
मैं गुनेहगार हूँ
किस तरह जीते हैं
जितनी लिखी थी