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Lyricsgram
नाटक lyrics
मन का पंछी शोर मचाये
तारों भरी रात साजन
दिल लेके चले तो नहीं जाओगे
सागर नहीं है तोह क्या है
न हो कोई जहां
क्या बतायें कितनी हसरत
भूल जा ए दिल
अपना जिन्हेँ बनाया
काळा काळा आये बढ़ावा
दिलवाले जल जल कर ही मर जाना
ज़िन्दगी एक नाटक है
सागर नहीं तो क्या है
सबसे बुरी शराब है
मेरा रंग मेरा रूप
जो मई चेहरे से