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Lyricsgram
मुजरिम lyrics
सुन सुन मद्रास की छोरी
करके प्यार प्यार
जाए न पकड़ कहीं
जाने जिगर यूँ ही अगर
दो निगाहें तेरी
चंदा चांदनी में
बैठे बैठे दूर से
ज़ुल्फ़ के फंदे
दिल का मेहमान
रात भी सार्ड है
ए मेरी जान े चमन
मुजरिम जो प्यार का है
मैं हूँ रूप की रानी
रात के बारह बजे
नाइयो जीना तेरे बिना
मुजरिम न कहना मुझे (टाइटल)
कुकुदू को ई लव यू
डाटा प्यार दे
बूम बूम शका