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Lyricsgram
मिर्जा साहिबान lyrics
सुनो मेरी सर्कार
हाय रे उड़ उड़ जाए
आज मिया जी को
रुत रँगीली ायी
क्या यही तेरा प्यार
तुम आँखों से दूर हो
सामने गली में
खायेगी ठोकरें
हाथ सिने पे जो रख दो
आजा तुझे अफ़साना
आरी हो मक्की के
सुबह उठ के मिरज़े
नहीं रिस पंजाब दी
छोड़ के तेरी दुनिया
तबियत ठीक थी