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Lyricsgram
मौसम lyrics
फिर वही फुर्सत के रात दिन
मेरे इश्क़ में लाखो लातके बालम
दिल ढूंढता है
छड़ी रे छड़ी
रुके रुके से कदम
ज़रा सी मेहँदी लगा दो
अभी न जाओ छोड़ कर
सज धज के
मल्लो मल्ली
इक तू ही तू ही
आग लगे उस आग को
पूरे से ज़रा सा काम है
रब्बा में तोह मर गया ोये