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Lyricsgram
मस्त lyrics
मैं तेरे दिल की मलिका
उसके सिवा कुछ
तेरे सिवा कुछ याद नहीं
सुना था देखा न था
रुकी रुकी थी ज़िन्दगी
पूछो न यार क्या हुआ
न गोविन्दा न शारुख
हुआ हुआ हुआ मैं मस्त
हे रामा कृष्णा गोविंदा गोपाला
आसमान कहता है रब से