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Lyricsgram
मल्लिका lyrics
रात है निखरी हुई
इधर दिल है उधर दुनिया
दस न जाये
यह हुस्न की महफ़िल है
शाह े खुबान
इत्तेफ़ाक़ तू नहीं
चाहूं तुझे
वह भूली दास्तान