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खिलौना lyrics

ये नाटक कवी लिख गए
रोज़ रोज़ रोज़ी
मैं शराबी नहीं
अगर दिलबर की रुसवाई
सनम तू बेवफा के नाम से
खुश रहे तू सदा
खिलौना जान कर तुम तो
पास में आ
चोरा रे चिचोरा
ये सड़क क्या तेरे बाप की है
मैंने चाँद सितारों से सुना है
लग जाओ गैल मेरी जनम
पंडित जी पंडित जी
हम जानते है