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Lyricsgram
कीमत lyrics
सागर में उठी दो मौजें
फूँक दो ा के भगवान्
मैं पागल सपन दिखाये
जीता है के मरता है कोई
हमसे खुश है ज़माना
ज़रा मुखड़े से घूँघट हटा
चाँद को गले से लगाये
मैं दोल रहा है
कांटो से छेड़ते
रंग रूप का बाजार
मई तो पानी पिया था
सुनो तो नाना देखो तो