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Lyricsgram
कर्मयोगी lyrics
तुम नहीं या हम नहीं
तेरे जीवन का है कर्मो से नाता
मोहब्बत हुन हकीकत हूँ
जैसी करनी वैसी भरनी
एक बात कहूँ मैं सजाना
आईये हुजूर आइए बैठिए