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कभी धूप कभी छाँव lyrics
कभी धूप कभी छाँव (टाइटल)
चल मुसाफ़िर चल यहाँ
मैं भी जालु तू भी जले
कोई गुस्से हो या राज्य
है रे सँजोग
दिल धड़के
बदलि में चाँद है
आँख का तारा मेरा