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Lyricsgram
जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली lyrics
ओ मितवा यह दुनिया तो क्या है
जो मैं चली फिर ना मिलूंगी
बात है एक बूँद सी
जल बिन मछली
कजरा लगा के बिंदिया सजा के
तारों में सज के