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जय चितोड़ lyrics

ये संग्राम अनोखा था
प्रभु तुमहिं प्रकाश दो
सांझ हो गयी प्रभु
ऊपर से आग बरसती थी
महलों का वैभव
केसरिया पगड़ी बनी रहे
धन्य धन्य है
चिंगारी आज बानी ज्वाला
भँवर मोरे जयपुर
आज परीक्षा है
ो पवन वेग से