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Lyricsgram
इंकार lyrics
ो मूंगड़ा मूंगड़ा मैं गुड़ की डली
छोडो यह निगाहों का इशारा
दिल की कली
कुछ भी हो सकता है
ज़िन्दगी का कारोबार
मौला तू मालिक है
दरमियान