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Lyricsgram
हैदराबाद की नाज़नीन lyrics
निगाहें लड़ते ही
क्या क्या न लोग चल बसे
कह रही है रात अँधेरी
नज़रों में समाने से क़रार
दुनिया में जीना ही पड़ेगा
जाओ चमका सुबह का सितारा