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Lyricsgram
हलचल lyrics
सो रहे है बेखबर
प्रीत जाता के मीट बना के
कोई किस तरह राजे उल्फ़त
है सड़के तेरे
एक झूठी सी तसल्ली
आज मेरे नसीब ने
ो बिछड़े हुए साथी
लुटा दिल मेरा
लगी है आग दिल में
बन्दों पे अपने
तू मेरे मन की
मैं लैला की
ी ऍम सिक्सटीन
पहली दफा इस दिल में
सावन का महीना
ली हमने थी कसम
देखो ज़रा देखो
लुट गयी
इश्क़ में प्यार में
हम दिल के
रफ्ता रफ्ता