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गुनाह lyrics

ये रात ये तन्हाईया
एक मुसाफिर हूँ मैं
एक भालू की सुनो कहानी
कौन है वह
साजना
भूल कर हम उन्हें
जब दिल चुराये कोई
मेरे दिल पे किसी ने
हम ने तुमको दिल ये