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गृह प्रवेश lyrics

पहचान तो थी पहचाना नहीं
मचल कर जब भी आँखों से
लोगों के घर में रहता हूँ
बोलिये सुरीली बोलियां
ज़िन्दगी फूलों की नहीं
आप अगर आप न होते