Lyricsgram

गूंज उठी शहनाई lyrics

निसदिनां बिसरता
रोक सके ना राह हमारी
हौले हौले घूँघट पट खोले
अखियाँ भूल गयी हैं सोना
तेरे सुर और मेरे गीत
तेरी शहनाई बोले
मैंने पीना सीख लिया
बिखर गए बचपन के सपने
दिल का खिलौना हाय टूट गया