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Lyricsgram
गौतम गोविंदा lyrics
सर झुका नज़र उठा
ो तेरा बिटवा जवन होई गवा
दरोगा जी चोरी हो गयी
एक ऋतु आए एक ऋतु जाए
ले चल मुझको
गौतम गोविंदा
ये शाम कुछ
मैं गंगा पार
कल रात गज़ब सखि
करंट मरे है
एटम बम है तेरी जवानी