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Lyricsgram
गैम्बलर lyrics
नज़रों से आज दिल में
जब घडी बोले चार
कैसा हैं मेरे दिल
अपने होंठों की बंसी
चूड़ी नहीं ये मेरा
दिल आज शायर है
मेरा मैं तेरा प्यासा
अकेली मैं आयी
सज्दे न किये मैंने
चुपके चुपके घूर न मुझको
गैम्बलर गैम्बलर
हम उनसे मोहब्बत कर के
मेरी मर्जी
स्टॉप तहत