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फरेब lyrics

उदासियों में नज़र खो गयी
रात गन गुनती है
मिला दिल मिल के टुटा
मेरे सुख दुःख का संसार
हुस्न भी है उदास उदास
ा मोहब्बत की बस्ती
जाओगे ठेस लगा के
ए ज़िन्दगी के साथी
नाज़ था जिस पे
हटा दे घूंघट दिखा दे मुखडा
बन जाओ तुम मेहमान
कभी तोह आएगा लौट के मेरा प्यार
अपने लिए ही जीना क्या जीना
यह मौसम प्यार का
बाँधों नहीं रस्मों से
प्यार का पहला
यार का मिलना
यह तेरी ानकेहिं झुकि
ो हमसफ़र
आँखों से दिल में उतर के
सुबह भी बेकरार हैं
शाम आएगी तोह सूरज
पहले से अब वह दिन हैं
जाऊं कहाँ
बरस जा ए बदल