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Lyricsgram
दोस्ती lyrics
गुडिया हमसे रूठी रहोगी कब तक
मेरा तोह जो भी कदम हैं
कोई जब राह ना
जाने वालो जरा मुड़ के देखो मुझे
रही मनवा दुख की चिन्ता
चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे