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Lyricsgram
डॉक्टर lyrics
यह तितली
ायी नित नयी रुत की बहार
आपण जीवन दर्पण न्यारा
आयी बहार आज आई बहार
आज अपनी मेहनतों का
कब तक निराश की अंधियारी
गुज़र गया वह ज़माना कैसा
चले पवन की चाल
साजन बड़ी सुहानी भोर
महक रही फुलवारी हमारी