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दो गुंडे lyrics

ऐसे माचल के नैन बदल के
कहीं चलो की दिन है बहार के
भीगी पलकें उठा
मैं नशे में हूँ
कहा जाते हो सैया
लहरों में झूल के
कैसे बिजली चमक गयी