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धर्मपुत्र lyrics

यह किसका लहू है
तुम्हारी आँखें
नैना क्यों भर आये
मैं जब भी अकेली होती हूँ
जो यह दिल दीवाना मचल गया
जय जननी जय भारत माँ
चाहे यह मानो चाहे वह माँ
आज की रात