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Lyricsgram
धरम वीर lyrics
सात अजूबे इस दुनिया में
हम बंजारों की
बंद हो मुठी तोह लाख की
अरे मैंने तुझको चाहा
ओ मेरी मेहबूबा मेहबूबा मेहबूबा