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Lyricsgram
डाक बंगला lyrics
रात अँधेरी चमके तारे
रात अँधेरी चमके तारे
पीपल की छोङ में
हो हो चांदनी रात है
ऐसों से जी न लगाए कोई
जब बादल घिर घिर आएंगे
घिर घिर आए बादल कारे
जब बैठे बैठे दिल भर आये