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Lyricsgram
चक्रधारी lyrics
ओ दुनिया के मालिक राम
मेरी सोई रे आत्मा जागी
क्या कुछ भी नहीं
कहे को बिसरा हरिनाम
इस जग के विशाल पिंजरे में
डाटा तुम तो दे चुके
चल रे चल मेरे चाक
आज में बेच रही
बदल की पालकी पे
आज अचानक रूठ के