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Lyricsgram
बीवी lyrics
मौसम है नमकीन संवारिए
मेरे मन के आँगन में
बिरहा की रात मोसे काटि नहीं जात
बिच घूँघट कैसे कह दूँ
कही चाँदनी है
अकेले में वो घबराते तो होंगे