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अन्नदाता lyrics
अन्नदाता अन्नदाता
ये दिल दे मगर उल्फ़त
ओ मूर्ख इंसान
आज की रुत है
बहरों के डोले
आयी ख़ुशी
यहाँ अब क्या रेहना
निस दिन निस दिन
गुज़र जाए दीन दीन दीन
रातों के साए घने
चम्पावती आजा
नैन हमारे