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अमर प्रेम lyrics

सदा है प्रेम की जय जयकार
जमुना के तट हमतो
आओ चले मानवा मोरे
आओ चले मनवा
बड़ा नटखट है यह
यह क्या हुआ
कुछ तोह लोग कहेंगे
चिंगारी कोई भड़के
रैना बीती जाये
डोली में बिठाई के