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Lyricsgram
अमर ज्योति lyrics
सुनो सुनो बन के प्राणी
जीत ज्योत तेज़्ज़ चमक
अब मैंने जाना है
आज हमें बन बेहद भाता
कल्पना के घं बरसते
वह फूले फूले फिरते है
जनम जनम का है